सेवा के बदले कार,आई-फोन और बंगला मांग रहे है&#

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सेवा के बदले कार,आई-फोन और बंगला मांग रहे हैं पार्षद



नई दिल्ली
नेताओं को वैसे तो जनता का सेवक कहा जाता है, लेकिन दिल्ली के पार्षद खुद को वीवीआईपी कैटिगरी में रखना चाहते हैं। वे अपनी जरूरतों को जनता के सरोकार से जोड़कर अजब-गजब डिमांड पेश कर रहे हैं।

मेयर को चाहिए एमपी वाला बंगला
पिछले दिनों साउथ दिल्ली नगर निगम की मेयर ने इलाके के सबसे अच्छे सरकारी बंगले की मांग रखी। उनकी दलील थी कि जिस तरह से राष्ट्रपति देश का प्रथम नागरिक होता है, वैसे ही वह साउथ दिल्ली की र्फस्ट सिटिजन हैं। ऐसे में वह इलाका जहां सांसद रहते हैं, उन्हें वहां का बेस्ट बंगला मिलना चाहिए।


काउंसलर्स क्लब
सारे पार्षद एक सुर में काउंसलर्स क्लब की मांग कर रहे हैं। उनके मुताबिक, एक ऐसी जगह होनी चाहिए जहां वे जन-प्रतिनिधियों के साथ बैठकर बातचीत करने के अलावा फैमिली के साथ खाली वक्त गुजार सकें। इसके अलावा, वहां खाने-पीने की चीजें रियायती कीमत पर मिल सकें।

चाहिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर
ई-गवर्नेंस लागू करने के मकसद से कई साल पहले पार्षदों को लैपटॉप दिया गया था। इन लैपटॉप का इस्तेमाल नहीं हो सका क्योंकि अधिकतर पार्षदों को इसे ऑपरेट करना ही नहीं आता था। इससे निपटने के लिए हर पार्षद ने अपने लिए दो कंप्यूटर ऑपरेटर्स की मांग रखी है।

कार, प्लाज्मा टीवी और आई-फोन भी
पार्षद लैपटॉप चलाना भले ही सीख न पाए हों, मगर वे आई-फोन दिए जाने की मांग कर रहे हैं। नॉर्थ दिल्ली नगर निगम के एक पार्षद का कहना है कि यह एक बेसिक जरूरत है। हम जनता के प्रतिनिधि हैं और दिल्ली की बड़ी आबादी इंटरनेट से जुड़ी है। उनके लिए हमारी उपलब्धता हर वक्त जरूरी है। इसके अलावा, निगम में हर बार बनने वाली कमिटियों की तरफ से मांग की जा रही है कि काम वक्त पर पूरा करने के लिए कार दी जाए। ऑफिस में प्लाज्मा टीवी हों, ताकि वे इलाकों की समस्याओं से जुड़ी खबरें देख सकें।
 
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