अखबार के 'चिट्ठी बम' से टीम अन्ना का पारा चढ़&

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अखबार के 'चिट्ठी बम' से टीम अन्ना का पारा चढ़ा



नई दिल्ली।। विवादों का पर्याय बन चुकी टीम अन्ना में अब अरविंद केजरीवाल और किरन बेदी के बीच मनमुटाव के दावे किए जा रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस अखबार के मुताबिक किरन बेदी ने अरविंद केजरीवाल को लेकर अन्ना हजारे को एक ई-मेल लिखा है। मेल में जिक्र किया गया है कि अरविंद का एनजीओ पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन (पीसीआरएफ) पैसे का हिसाब-किताब ठीक से नहीं रख रहा है।

गौरतलब है कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन के लिए जो पैसे आए थे, वे पीसीआरएफ के अकाउंट में ही जमा करवाए गए हैं।

अखबार ने अन्ना के बयानों के हवाले से दावा किया है कि किरन बेदी का मेल मिलने के बाद उन्होंने अरविंद केजरीवाल से बात की और उन्हें ताकीद की कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। अखबार के मुताबिक अन्ना ने केजरीवाल को इस मामले में चिट्ठी लिखने की बात से इनकार किया है। गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर पिछले दिनों अन्ना के साइन वाली ऐसी चिट्ठी का दावा किया गया था।

अखबार में छपी खबर को अरविंद केजरीवाल और किरन बेदी ने झूठ का पुलिंदा बताया है। अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा है,'इंडियन एक्सप्रेस की एक और फर्जी स्टोरी। अभी अन्ना से बात हुई और उन्होंने ऐसा कुछ भी कहने से साफ इनकार किया है। हम अखबार को लीगल नोटिस भेजेंगे।'

किरन बेदी ने भी ट्विटर के जरिए अपनी बात रखी है। उन्होंने लिखा है,' कुछ लोग करप्शन के खिलाफ आंदोलन को लगातार कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन जनता सब समझती है। एक अखबार शरारतपूर्ण खबरें पहले पन्ने पर छाप रहा है, जबकि इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बारे में अच्छी चीजों की रिपोर्टिंग नहीं की जाती। आखिर क्यों? इरादा क्या है?'

इस मामले में टीम अन्ना के सदस्य मनीष सिसोदिया ने फेसबुक पर लिखा है,'असल में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ साजिश रची जा रही है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल, ए. राजा और कलमाड़ी से भी ज्यादा भ्रष्ट और हिटलर के बाद इस दुनिया का सबसे बड़ा तानाशाह है।'

मनीष का कहना है,'ये सब साबित करने के लिए तमाम कुचक्र रचे जा रहे हैं। तमाम तरह की खबरें चलवाई जा रही हैं। एक अखबार नेताओं और कॉरपोरेट घरानों की खातिर देश को तोड़ने में लगा। अपने आकाओं को बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल को बर्बाद करने की कोशिशों में जुटा है। मकसद एक ही है किसी तरह नेताओं, अफसरों और उनके दलालों की लूट के खिलाफ समाज को एकजुट कर रहे इस इंसान के प्रति लोगों का भरोसा तोड़ा जा सके, लेकिन क्या अब ये षड्यंत्रकारी कामयाब हो पाएंगे? क्या 25 जुलाई से शुरू होने जा रहे आन्दोलन को इन खबरों से दबाया जा सकेगा?'
 
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