Punjab News बन जाता जासूस ‘हिंदुस्तानी’

मोहाली पुलिस द्वारा पकड़ा गया पाकिस्तानी जासूस इरफानउल्ला भारतीय नागरिक बनकर अपने मंसूबे पूरे करना चाहता था। इरफान को भारतीय बनाने के लिए लोकल स्तर पर कागजात तैयार करा के देने का जिम्मा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स ने उठाया था। इरफान ने पुलिस रिमांड के पहले दिन कुछ इसी तरह की जानकारियां दी हैं। इरफान सीआईए स्टाफ खरड़ के पास छह दिनों के रिमांड पर है।

डीएसपी (डी) सतनाम सिंह ने बताया कि इरफान का मकसद भारतीय नागरिक बनकर आईएसआई द्वारा दिए गए टारगेट को अंजाम देना था। इरफान के अनुसार उसे लोकल स्तर पर भारतीय आईडी प्रूफ, राशन कार्ड आदि बनाकर देने का जिम्मा खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के जर्मनी में बैठे मुखिया रंजीत सिंह उर्फ नीटा ने उठाया था। भारतीय नागरिक बनकर वह किसी एयरफोर्स स्टेशन या एयरबेस पर सफाई कर्मचारी या पीयून की छोटी-मोटी नौकरी हासिल करना चाहता था, ताकि आसानी से अंदर की जानकारी जुटा सके।

आईएसआई ने इरफान को भारतीय एयरबेसों पर मौजूद अस्त्र-शस्त्र, सैन्य बल और मारक क्षमता का पता लगाने का टारगेट दिया था। इरफान के पास से पुलिस को विभिन्न एयरबेसों के नक्शे, फोटो बरामद किए थे। उसके पास से एक डायरी भी मिली थी जिसमें विभिन्न एयरबेसों को कोडवर्ड दिया गया था।

पिछले 28 दिनों से कर था पंजाब में एयरबेसों की रेकी

इरफान ने बताया है कि पकड़े जाने से दो दिन पहले ही वह मुल्लांपुर इलाके में आया था। पंजाब में वह पिछले 28 दिनों से एयरबेसों की रेकी कर रहा था। उसने ठहरने के लिए रेलवे स्टेशनों का इस्तेमाल किया। दिन में वह एयरबेसों का मुआयना करता और रात को रेलवे स्टेशन पर जाकर आराम करता था। चंडीगढ़ के रेलवे स्टेशन पर भी दो रातें गुजारी थी।

मोबाइल नहीं पीसीओ का इस्तेमाल करने की हिदायत

इरफान के मुताबिक पाकिस्तान में बैठे टीपू की सख्त हिदायत थी कि जब तक वह भारतीय नागरिक नहीं बन जाता, तब तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल न करे। कहीं भी बातचीत के लिए पीसीओ का इस्तेमाल करने को कहा गया था। पीसीओ भी ऐसा चुनना था, जहां से लोग पाकिस्तान में फोन करते रहते हों।

नेपाल बॉर्डर पार करने के बाद मिली पिस्टल

इरफान ने बताया कि वह नेपाल के रास्ते भारत आया। उसका पासपोर्ट नेपाल में ही रख लिया गया था। भारतीय सीमा में दाखिल होने के बाद उसे कुछ लोगों ने चीनी पिस्टल एवं कारतूस मुहैया करा दिए थे।
 
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