अपील नहीं कर सके राठौर, जेल में कटेगी रात

कोर्ट ने रुचिका यौन शोषण प्रकरण में हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक एसपीएस राठौर की सजा बढ़ाकर डेढ़ साल कर दी है। राठौर को अभी तक 6 महीने की सजा मिली थी जिसपर सीबीआई ने कोर्ट में सजा बढ़ाए जाने को लेकर अपील की थी।

अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश गुरबीर सिंह की अदालत ने राठौर की सजा को 6 माह से बढ़ाकर डेढ़ साल कर दिया है। इस केस में 3 से 11 मई तक लगातार बहस हुई थी। सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद सीबीआई कोर्ट ने राठौर को अपनी हिरासत में लेकर उन्हें बुड़ैल जेल भेज दिया गया है।

फैसले के खिलाफ अपील कर सकता है राठौरः राठौर के पास अब हाईकोर्ट जाने का विकल्प है लेकिन आज की रात उन्हें जेल में ही बितानी पड़ेगी। क्योंकि फैसले की कॉपी अभी तक राठौर को नहीं मिल पाई है। ऐसा माना जा रहा है कि राठौर के वकील जमानत याचिका बुधवार को ऊपरी कोर्ट में दायर कर सकते हैं और दो-तीन दिन में हो सकता है राठौर को जमानत मिल जाए लेकिन तब तक तो उसे जेल के सलाखों के पीछे ही रहना पड़ेगा। राठौर अभी बुड़ैल जेल में बंद हैं।

राठौर की वकील (पत्नी ) ने कोर्ट में राठौर के 6 महीने की सजा को खत्म करने के लिए एक याचिका दायर की थी लेकिन दूसरी तरफ रुचिका के परिवार वालों और सीबीआई ने राठौर की सजा बढ़ाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसके तहत कोर्ट ने आज राठौर के वकील की याचिका को खारिज करते हुए 6 महीने की सजा को बढ़ाकर डेढ़ साल कर दिया।

इस फैसले पर रुचिका के पिता को खुशी हुई है। कोर्ट के फैसले के बाद रुचिका के पिता एससी गिरहोत्रा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि हम सजा बढ़ाए जाने से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। हम और मैं और मेरा परिवार यही चाह रहे थे कि राठौर की सजा बढ़े, जिस तरह से पहले 6 महीने की सजा मिली थी वह हमारे साथ अन्याय था लेकिन हम कोर्ट के इस फैसले से पूरी तरह से संतुष्ट हैं। राठौर की वकील ने कोर्ट में यह भी दलील दी थी कि राठौर की तबियत खराब चल रही है जिसके चलते उनकी सजा कम कर दी जाए लेकिन कोर्ट ने कोई दलील नहीं सुनी। कोर्ट ने कहा कि जेल मौजूद चिकित्सक ही राठौर की जांच करेंगे।

अदालत ने 20 मई को फैसला सुनाए जाने की तारीख तय की थी। लेकिन लिखित जजमेंट पूरी न होने के कारण फैसले की अगली तारीख 25 मई तय की गई थी। राठौर ने निचली अदालत के सजा के फैसले को चुनौती और सीबीआई ने सजा में अधिकतम बढ़ोतरी की अपील की है। राठौर को जिन धाराओं के तहत निचली अदालत ने सजा सुनाई थी, उनमें अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान है। 21 दिसंबर 2009 को राठौर को 6 माह कैद और एक हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी। इस पर देशव्यापी प्रतिक्रिया हुई थी।
 
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