मनमोहन से बोले ओबामा, बताओ क्या करें गुरु?

कोपनहेगन क्लाइमेट समिट में जब अमेरिकी राष्ट्रपति बाराक ओबामा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मिले तो इज्जत देने के लिए उन्हें मिस्
टर गुरु कहा। यह दिलचस्प खुलासा किया पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने।

रमेश इस समय पेइचिंग की यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा, निश्चित ही ओबामा भारत को सही तौर पर पहचान गए हैं। मुझे यह इसलिए पता है क्योंकि जब समझौते के दौरान ओबामा जब कमरे में आए तो उन्होंने तीन बार हमारे पीएम को गुरु कहकर संबोधित किया। वह बोले, तुम्हारे प्रधानमंत्री हमारे गुरु हैं।

यह वाकया क्चन्स्ढ्ढष्ट देशों यानी ब्राजील, साउथ अफ्रीका, चीन और भारत के साथ अमेरिकी समझौते के समय का है। मनमोहन वह पहले शख्स थे जिनके पास जाकर ओबामा बोले, मिस्टर गुरु हम क्या करें?

हालांकि, रमेश का यह भी कहना था कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के दिल में भारत के लिए जो गर्मजोशी थी उसकी बराबरी कोई भी नहीं कर सकता। बुश के पैमाने पर हर अमेरिकी राष्ट्रपति कमतर ही निकलेगा। भले ही बुश दुनिया के लिए बुरे थे लेकिन भारत के लिए महान थे।

सम्मेलन में चीन की स्थिति पर रमेश ने कहा, भारत ने अमेरिका और यूरोपियन यूनियन के साथ चीन के टकराव को टाला। भारत की वाकपटुता और सूझबूझ की वजह से क्चन्स्ढ्ढष्ट देशों और अमेरिका के बीच समझौता हो पाया। अगर ऐसा न होता तो अमेरिकी वार्ता की विफलता के लिए चीन को ही दोषी ठहराते क्योंकि चीन सबसे ज्यादा ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन करता है।
 
Top