मनमोहन ने बताया, कैसे बढ़ी महंगाई

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संकेत दिया है कि महंगाई को थामने के लिए अब पहले की तुलना में ज्यादा व्यावहारिक उपाय किए जाएंग
े, मगर इसके लिए इकॉनमी की बढ़ती ग्रोथ रेट से समझौता नहीं किया जाएगा। ग्रोथ 9 पर्सेंट या उससे ज्यादा 10 पर्सेंट को पाने के भी जोरदार प्रयास किए जाएंगे। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते हुए मनमोहन ने कहा कि रोजमर्रा की खाने वाली चीजों के दामों में बढ़ोतरी वाकई चिंता का विषय है। सरकार फूड प्रॉडक्ट्स की कीमतों को कम करने का प्रयास कर रही है। मनमोहन ने बताया कि आखिर किन वजहों से बढ़ी महंगाई।

इंटरनैशनल माकेर्ट जिम्मेदार
मनमोहन ने प्राइस राइस के लिए इंटरनैशनल मार्केट को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में वस्तुओं की कीमतें बढ़ी हैं और इसका भारतीय बाजारों पर पड़ा है। क्योंकि भारत खाद्य तेल, चीनी और दाल जैसे उत्पादों का बड़ी मात्रा में आयात करता है। ऐसे में घरेलू बाजारों पर इसका नेगेटिव असर पड़ना स्वाभाविक है।

किसानों को ज्यादा मूल्य
किसानों को ज्यादा खरीद मूल्य देने का जिक्र करते हुए मनमोहन ने कहा कि यूपीए सरकार पहले की तुलना में अब किसानों को उनके उत्पादों का अधिक खरीद मूल्य दे रही है। किसानों को अधिक मूल्य दिया जाएगा, तो बाजारों में उनके दाम भी बढ़ेंगे। महंगाई पर राजनीति करने वाले विपक्षी दलों की राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि राज्य सरकारों ने जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई में ज्यादा तत्परता नहीं दिखाई। राज्य सरकारों को एस्मा के तहत जमाखोरों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी, मगर ऐसा नहीं हुआ।

चीनी निर्यात
प्रधानमंत्री ने विपक्ष के इस आरोप को गलत बताया कि घरेलू बाजार में किल्लत के बावजूद भारी मात्रा में चीनी का निर्यात किया गया। उन्होंने कहा बेशक चीनी का निर्यात किया गया, मगर इसकी मात्रा काफी कम है। उन्होंने कहा कि चीनी का उत्पादन गन्ने के उत्पादन पर निर्भर करता है। गन्ने का उत्पादन कम होने से चीनी का उत्पादन कम होगा और दाम बढ़ेंगे।

डबल डिजिट ग्रोथ पर जोर
इकनॉमिक ग्रोथ रेट दहाई अंक पर ले जाने पर जोर देते हुए मनमोहन ने कहा कि ग्लोबल स्लोडाउन से भारत ने जमकर सफलतापूर्वक मुकाबला किया है। ग्रोथ रेट को हमने ज्यादा गिरने नहीं दिया। अब रिकवरी तेजी के साथ शुरू हो चुकी है। इस साल ग्रोथ रेट 7.5 पर्सेंट होने की उम्मीद है। आने वाले सालों में यह 9 और 10 फीसदी तक भी जा सकती है।

ब्लैक मनी वापस लाएंगे
मनमोहन ने दोहराया कि सरकार विदेशों में जमा भारतीयों की ब्लैक मनी वापस लाने की पुरजोर कोशिश करेगी। इसके लिए सरकार देशों के साथ एक्सचेंज ऑफ इन्फर्मेशन संबंधी समझौते करेगी। इस बारे में बहामा और बरमूडा से बातचीत पूरी हो गई है और स्विट्जरलैंड सहित 20 अन्य देशों से बातचीत जारी है
 
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