Punjab News सिद्धूवाणी के तीरों से पिघली ‘ममता’

सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की सिद्धूवाणी के तीरों का ही कमाल कहेंगे कि रेलमंत्री ममता बनर्जी की ‘ममता’ पंजाब पर पिघल गई है। सांसद सिद्धू द्वारा पार्लियामैंट में पंजाब विशेषकर अमृतसर की रेल सुविधाओं का मामला उठाने के बाद कई प्रोजैक्टों पर रेल मंत्रालय ने मोहर लगा दी है।


बकौल सांसद सिद्धू पिछले साठ सालों में पहली बार पंजाब पर रेल मंत्रालय की इतनी मेहरबानी हुई है। पंजाब का हक लेने के लिए लड़ना पड़ेगा और इसके लिए हम तैयार हैं। दिल्ली से टेलीफोन पर बातचीत में सांसद सिद्धू ने बताया कि अमृतसर और चंडीगढ़ को जोड़ने के लिए लंबे समय से मांग उठती रही है।


मामला उठाने के बाद इस ट्रेक पर डरांटो रेल नॉन स्टॉप सर्विस पर मोहर लग गई है। इसके अलावा अमृतसर और होशियारपुर में डीएमयू लिंक स्थापित करेगी। बठिंडा और फिरोजपुर को अमृतसर से जोड़ने का मामला योजना आयोग के पास भेज दिया गया है। इतना ही नहीं जलपाईगुडी से अमृतसर तक विशेष ट्रेन भी पास हो गई है।


उन्होंने बताया कि जन्मभूमि एक्सप्रेस का लाभ पंजाब को मिलेगा। अहमदाबाद से उदयपुर रेल सर्विस जोधपुर, हनुमानगढ़, बठिंडा, फरीदकोट, फिरोपुर, जालंधर, चक्की बैंक, अंबाला होती हुई उदयपुर जाएगी। भारत तीर्थ के लिए पास की गई 16 गाड़ियों में से चार गाड़ियों का पंजाब को फायदा देगी।


इसमें पहली ट्रेन हावड़ा, वृंदावन, इलाहाबाद, हावड़ा में चलेगी। पूना से जम्मूतवी के तहत जयपुर, रौनकपुर, मथुरा, आगरा, हरिद्वार, अमृतसर जम्मूतवी, तीसरी गाड़ी भोपाल, द्वारिका, सोमनाथ, उदयपुर, अजमेर, जोधपुर, मथुरा, अमृतसर, जम्मूतवी से भोपाल के बीच चलेगी। चौथी गाड़ी के तहत मधुरई, वाराणसी, गया, पटना साहिब, इलाहाबाद, हरिद्वार, चंडीगढ़, करुक्षेत्र से अमृतसर के बीच चलेगी।


इसके अलावा दिल्ली से गंगानगर वाया बठिंडा, नंदल डेम कोलकत्ता से आनंदपुरा साहिब, ऊना हरिद्वार लिंक एक्सप्रेस का लाभ भी पंजाब को मिलेगा। सिद्धू ने बताया कि फ्रेड कोरिडोर और रेलवे कोरिडोर को अमृतसर तक लाने की उनकी मांग बरकरार है। तीन मल्टीप्लैक्स सुविधाओं के स्टेशन बठिंडा, लुधियाना व पटियाला के लिए पास हो गए है।


इसके अलावा देशभर में तय किए गए 10 इंटरनैशनल स्टेटस स्टेशनों में अमृतसर को शामिल करने की रेलमंत्रालय से मांग कीगई है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार अन्य राज्यों की तरह अमृतसर में वाटर बोटलिंग प्लांट की मंजूरी दे, इसके अलावा पांच खेल अकादमियों में से एक अकादमी पंजाब को दी जाए
 
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