शेयर बाजार ने कहा, चीयर्स दादा

इस बजट ने शेयर बाजार में जान फूंक दी है। प्रणव दादा ने उसे खुश कर दिया है। सरकारी कंपनियों (पीएसयू) की विनिवेश नीति पर भी
मुहर लग गई है। कच्चे तेल पर टैक्स लगाकर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ा दी हैं। ऐसा करके उन्होंने तय दिया है कि तेल कंपनियों को ज्यादा घाटा नहीं होने देंगे। इसके अलावा दादा ने बजट भाषण में यह भी कहा कि देश की इकॉनमी ग्रोथ रेट को 9 पर्सेंट पर पहुंचाएंगे। तेल कीमतें तय करने के मामले में किरीट पारिख समिति की सिफारिशों पर विचार किया जाएगा। यानी सिफारिशें लागू होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। देर-सवेर कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्य के आधार पर घरेलू बाजार में पेट्रोल और डीजल के दामों को बढ़ाने और घटाने की छूट मिलेगी।

इन बातों से शेयर कारोबारी काफी खुश हैं। यही कारण है कि बजट की घोषणा के बाद बीएसई में इतना कारोबार हुआ कि बीएसई का शेयर इंडेक्स छलांग लगाते हुए तो एक समय 420 अंक तक उछल गया। हालांकि, बाद में कारोबारियों ने मुनाफा काटा, जिसके चलते कारोबार के अंत में इंडेक्स 175 अंक की बढ़त के साथ बंद हुआ।

कारोबारियों की बात मानें तो काफी दिनों बाद उनको मुनाफा काटने का मौका और माहौल मिला था। कारोबारियों को यह भी लग रहा था कि सोमवार को होली के कारण कारोबार नहीं होगा। ऐसे में तीन दिन बाद उन्हें कारोबार करने का मौका मिलेगा।

कारोबार के अंत में बीएसई का सेंसेक्स 175.35 अंक की बढ़त के साथ 16,429.55 अंक पर बंद हुआ। इस दौरान एफएमसीजी और आईटी इंडेक्स को छोड़कर सभी सेक्टरों के शेयरों के सूचकांक तेजी के साथ बंद हुए। इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी भी 62.55 अंक की बढ़त के साथ 4,922.30 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 4,992 अंक के दिन के उच्च स्तर पर पहुंच गया था।

जाहिर है कि शेयर मार्केट सेंटिमेंट के सहारे चलता है। कोई भी ऐसी खबर, जो भविष्य में सुखद नतीजों की तरफ इशारा करे, उसका शेयर बाजार पर बहुत जल्द पॉजिटिव असर पड़ता है। बजट ने वही काम किया है। शेयर बाजार को लग रहा है कि सरकार अब देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने के प्रति काफी गंभीर है। कॉरपोरेट जगत का भी कारोबार बढ़ रहा है। कंपनियां अब स्लो डाउन के दौर से बाहर निकल रही हैं। ऐसे में भविष्य में उनका कारोबार बढ़ना स्वाभाविक है।

शेयर बाजार किसी बात पर किस तरह से रिएक्ट करता है, यह इसी बात से स्पष्ट होता है कि प्रणव दादा ने जैसे ही कच्चे तेल पर ड्यूटी बढ़ाने की बात कही तो तेल कंपनियों के शेयर एकदम से उछल गए। इससे साफ है कि बजट ने कारोबारियों के सेंटिमेंट को कितना प्रभावित किया।

एक अहम बात यह भी है कि शेयर बाजार इस बजट को लेकर कई आशंकाएं पाले बैठा था। उसको लग रहा था कि सरकारी खजाने में माल कम है। ऐसे में प्रणव दादा कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ा सकते हैं। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को फिर से लागू किया जा सकता है। इसके अलावा सिक्युरिटीज ट्रेडिंग टैक्स (एसटीटी) की दर को और बढ़ाया जा सकता है। मगर दादा ने ऐसा कुछ नहीं किया। उल्टे कॉरपोरेट टैक्स के सरचार्ज में कमी करके शेयर कारोबारियों को यह शुभ सूचना दे दी है कि अब कंपनियों का कारोबार बढ़ेगा और साथ में इनवेस्टमेंट। बाजार को और क्या चाहिए, जब कंपनियों का कारोबार और इनवेस्टमेंट बढ़ेगा तो उनका मुनाफा बढ़ेगा और उसी अनुपात में शेयरों के दाम भी बढ़ेंगे।
 
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