हैकर अलर्ट : साइबर खतरे का लेवल टू

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हैकर अलर्ट : साइबर खतरे का लेवल टू



नई दिल्ली।
जिस तरह से हैकरों ने इंडियन नेवी के कंप्यूटर को हैक करने के काम को अंजाम दिया एक बार फिर देश की साइबर सिक्युरिटी पर सवाल खड़े हो गए हैं। हैकर किस हद तक जा सकते हैं यह देखकर तमाम संवेदनशील और बेहद गोपनीय डेटा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। जानकारों का मानना है कि सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है वरना लापरवाही की बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।

अब स्टैंड अलोन कंप्यूटर निशाने पर
सभी मंत्रालयों और विभागों में कुछ ऐसे कंप्यूटर होते हैं जिनका मुख्य काम डेटा को स्टोर करना होता है। इन्हें स्टैंड अलोन कंप्यूटर कहते हैं। इनमें इंटरनेट कनेक्शन नहीं होता है। इन्हें हैक करना थोड़ा कठिन होता है। लेकिन जिस तरह नेवी के स्टैंड अलोन कंप्यूटर भी हैक हो गए उससे चेतावनी मिली कि अब देश के महत्वपूर्ण और सीक्रेट डेटा में सेंध लगाने की कोशिश हो रही है। नेवी में भी स्टैंड अलोन कंप्यूटर को ही हैक किया गया। कहा जा रहा है कि पेन ड्राइव की मदद से इस काम को अंजाम दिया गया।

वेकऑप कॉल है यह घटना
साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल कहते हैं कि यह महज एक चेतावनी है। सरकार को तत्काल इस मामले में सचेत होकर साइबर सिक्युरिटी को लेकर इमरजेंसी कदम उठाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो सरकार के कई महत्वपूर्ण डेटा खतरे में आ सकते हैं।

वेबसाइट पर होते रहे हैं हमले
पिछले कुछ समय से सरकारी वेबसाइट निशाने पर थीं। खुद सरकार ने माना था कि इस साल अब तक लगभग 500 वेबसाइट हैक की गई हैं। पाकिस्तान के कई हैकरों ने भी इस तरह की हरकतें की थीं।

पीएमओ भी परेशान
पिछले कुछ दिनों से जिस तरह भारत की साइबर सिक्युरिटी की कमजोरी सामने आई है उससे पीएमओ बेहद चिंतित है। सूत्रों के अनुसार बहुत जल्द एक हाई लेवल मीटिंग हो सकती है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी की तर्ज पर साइबर सुरक्षा के लिए अलग से एजेंसी बनाने की कवायद की जाएगी।

कंप्यूटर हैक हो गया कैसे पहचानें

1. आपके हार्ड ड्राइव में अचानक कम स्पेस दिखने लगे
2. एंटी वायरस ऑपरेशन खुद ऑफ दिखे तो
3. आपका कंप्यूटर काफी स्लो हो गया हो
4. बार-बार हैंग करता हो
5. कई पुरानी फाइलें एक-एक कर गायब होने लगें

रखें नजर-
1. हैक करने का सबसे आसान रास्ता है पेन ड्राइव, इसलिए स्टैंड अलोन कंप्यूटर में पेन ड्राइव लगाने की जगह ब्लॉक कर दें
2. नियमित रूप से कंप्यूटर के डेटा को चेक करें
3. महत्वपूर्ण डेटा को पासवर्ड के जरिए सिक्योर रखें
 
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