Palang Tod
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जैंतीपुर. 84 के दिल्ली दंगों के पीड़ितों को इंसाफ मिलने की बजाए धमकाया जा रहा है, जबकि दोषी खुलेआम घूम रहे हैं। अदालत में दंगों के केस की पैरवी कर रहे मुदई जगमोहन सिंह शांत ने आरोप लगाया कि उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
नवंबर 1986 में उनके पिता जसविंदर सिंह और अन्य पारिवारिक सदस्यों को दंगाइयों ने मौत के घाट उतार दिया था। इनमें से तीन को उन्होंने पहचान लिया, जिनके खिलाफ दिल्ली की अदालत सजा सुना चुकी थी। 21 मई को तीनों को बरी कर दिया। अब आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील की है।
नवंबर 1986 में उनके पिता जसविंदर सिंह और अन्य पारिवारिक सदस्यों को दंगाइयों ने मौत के घाट उतार दिया था। इनमें से तीन को उन्होंने पहचान लिया, जिनके खिलाफ दिल्ली की अदालत सजा सुना चुकी थी। 21 मई को तीनों को बरी कर दिया। अब आरोपी उन्हें जान से मारने की धमकियां दे रहे हैं। उन्होंने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री से सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील की है।