रुपये ने फिर रुलाया, 54 के नीचे पहुंचा

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रुपये ने फिर रुलाया, 54 के नीचे पहुंचा



मुंबई।। रुपया लगातार रुला रहा है। गुरुवार को रुपया एक बार फिर भारी गिरावट के साथ खुला। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 54.21 के स्तर पर जा पहुंचा। पहले से ही मुश्किल में फंसी भारतीय अर्थव्यवस्था पर रुपये के इस कमजोरी का और बुरा असर होगा। रुपये की इस कमजोरी से देश में महंगाई बढ़ने की भी आशंका है। पेट्रोलियम प्रॉडक्ट, खाद्य तेल और दालों की कीमतों पर इसका खासा असर पड़ेगा। अर्थशास्त्रियों ने यूरोजोन की कमजोर इकॉनमी को देखते हुए यह आशंका जताई है कि रुपये में और कमजोरी आ सकती है। यह 56 के स्तर तक जा सकता है।

महंगाई, लोकपाल, करप्शन, काला धन के मुद्दे पर यूपीए फंसी सरकार के लिए रुपये की कमजोरी बड़ी मुसीबत बनकर सामने आई है। रुपये की कमजोरी को आरबीआई द्वारा रोकने की कोशिश नहीं हुई तो यह अर्थव्यवस्था के लिए बहुत ही घातक साबित हो सकता है। अयातकों को महंगे सामान खरीदने होंगे। जिससे देश में कई चीजों की कीमतें बढ़ जाएंगी। दूसरी तरफ अगर रिजर्ब बैंक डॉलर की कीमतों में रोक के लिए डॉलर बेचता है तो देश में डॉलर की कमी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन सवाह यह उठता है कि आखिर कब तक आरबीआई हाथ पर हाथ धरे रहेगा?

बुधवार को ही रुपये की कमजोरी से त्रस्त तेल कंपनियों ने संकेत दे दिया है कि शुक्रवार से पेट्रोल 65 पैसा महंगा हो सकता है। अगर रुपये की कमजोरी कुछ और दिन जारी रही तो पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स की कीमतों को बढ़ाना सरकार की मजबूरी हो जाएगी। इसका सीधा असर देश में महंगाई पर पड़ेगा। साथ ही खाद्य तेल और दालों का देश में बड़ी मात्रा में आयात किया जाता है। रुपये की यह कमजोरी दाल और तेलों की कीमतों में आग लगाएगी।

इसका सबसे बड़ा आसार देश में आयात आधारिक उद्योगों पर पड़ेगा। डॉलर की बढ़ती कीमतों के कारण उनपर भारी नुकसान का खतरा मंडराने लगा है। ऐसे में अगर ये उद्योग बंद हो गए तो देश मंदी की गिरफ्तर में फंस जाएगा और बेरोजगारी बढ़ जाएगी।

 
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