Punjab News 500 गायों की सेवा कर रहे निहंग

बाबा बकाला. आज हर व्यक्ति अपने स्वार्थ और निजी फायदे के लिए काम कर रहा है। कुछ लोग कम पैसों के लिए गायों का कत्ल तक कर देते हैं। हिंदु धर्म में गाय को गौमाता कहकर पूजा की जाती है। कस्बे के गुरुद्वारा छावनी साहिब में 500 गायों समेत करीब एक हजार पशुओं की नि:स्वार्थ सेवा तरना दल के निहंग सिंहों की ओर की जा रही हैं।

करीब 100 साल पहले शुरू हुई इस प्रथा को बाबा गुरमुख सिंह, बाबा साधू सिंह, बाबा बिमन सिंह, बाबा कीर्तन सिंह, बाबा मक्खन सिंह और मौजूदा तरना दल के मुखी मक्खन सिंह आगे लेकर जा रहे हैं। बाबा सज्जन सिंह की अध्यक्षता में करीब 200 निहंग सिंह अलग-अलग गुरुद्वारों में सेवा कर रहे हैं।

तरना दल के डेरे गुरुद्वारा छावनी साहिब में बाबा पाल सिंह और स्वर्ण सिंह की अध्यक्षता में करीब 500 गाय और 125 घोड़े-घोड़ियों की सेवा संभाल की जा रही है। बाबा स्वर्ण सिंह ने बताया कि अगर कोई पशु बीमार होता है, तो उसकी सेवा गुरुद्वारे में की जाती है। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि उन्हें जहां पर लावारिस गाय मिलती है, उसे ले आते हैं। वह यह सेवा कई वर्षो से कर रहे है।

बाबा स्वर्ण सिंह ने बताया कि यहां स्थित सरोवर की मान्यता है कि रविवार और सोमवार को स्नान करने से दुख दूर होते हैं और पुत्र की प्राप्ति होती है। निहंग सिंहों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि किसी भी सरकार ने उनकी गायों की सेवा-संभाल के लिए आर्थिक मदद नहीं की।
 
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