दिवाली के चक्कर में 40 की आंखों पर गंभीर जख्म

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चंडीगढ़। रोशनी के त्योहार दिवाली ने इस बार एक बुजुर्ग की एक आंख ले ली, जबकि 39 लोगों की आंखों में गंभीर जख्म हैं। यह सब हुआ आतिशबाजी की चिंगारी और लापरवाही से। बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाजी से सबसे ज्यादा हरियाली वाले सिटी ब्यूटीफुल में रात 9 बजे के बाद कई सेक्टरों में सांस लेने में परेशानी महसूस हुई। लोगों ने आंखों में जलन की भी शिकायत की। डॉक्टरों का कहना है कि हवा में आतिशबाजी से निकलने वाली सल्फर डाई ऑक्साइड गैस की मात्रा काफी ज्यादा होने से ऐसा हुआ।

पीजीआई के एडवांस ट्रॉमा सेंटर में दिवाली के मौके पर घायलों को तत्काल इलाज उपलब्ध कराने के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। वीरवार शाम तक सेंटर में आतिशबाजी से आंखें घायल होने के 16 मरीज पहुंच चुके थे। इनमें से करनाल के 55 वर्षीय ओमपाल की दांई आंख पूरी तरह खराब हो गई।

डॉक्टरों के अनुसार अब इस आंख की रोशनी लौट पाना काफी मुश्किल है। 8 मरीजों की आंखों में गंभीर चोट है, जिनकी सर्जरी की जानी है। पीजीआई इमरजेंसी में पटाखे से जलने का सिर्फ एक ही केस पहुंचा, जिसे प्राथमिक इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। सबसे ज्यादा 40 मरीज जीएमएसएच पहुंचे। इनमें से 16 की आंख पर जख्म है। तीन को पीजीआई रेफर किया गया। जीएमसीएच में वीरवार तक 23 लोग भर्ती हुए, जिनमें से 6 की आंखें जख्मी हैं।

आतिशबाजी से 10 झुलसे

मोहालीत्न नेहरू कॉलोनी, फेज 3ए का सात वर्षीय अमित कुमार वीरवार सुबह दोस्तों द्वारा चलाए गए अनार की चिंगारियां गिरने से जल गया। इसके अलावा दिवाली की रात आतिशबाजी के दौरान दो लड़कियों की आंखों में भी चोट आई।

सीनियर मेडिकल अफसर (एसएमओ) डॉ. राजीव भल्ला ने बताया कि दिवाली की रात अस्पताल में पटाखों से जख्मी होने के दस केस आए थे, जिसमें से बलौंगी की नौ वर्षीय खुशबू को आंखों में गंभीर चोट आई। खुशबू को अस्पताल में दाखिल किया गया है।

डॉ. भल्ला के अनुसार पटाखा खुशबू की आंख में लगा, जिस वजह से उसकी आंखों में खून जम गया। उपचार के बाद खुशबू की हालत कुछ ठीक है। इसके अलावा सेक्टर 55 के मोनू, सेक्टर 56 के करमजीत, बलौंगी के सोनू, अजायब कौर, खुशी बहादुर, पलसौरा के गुरदयाल और हरलीन पटाखों की चिंगारी से जख्मी हो गए। सभी को इलाज के बाद घर भेज दिया गया।
 
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