हरे घंटे 13 लोग मरते हैं सड़क हादसे में

केन्द्र और राज्य सरकारों के तमाम प्रयासों, सुरक्षा व्यवस्था और जागरुकता अभियानों के बावजूद देश में प्रति घंटे कम से कम तेरह लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो जाती है।

देश की 36 लाख किलोमीटर से अधिक लम्बी सड़कों पर प्रति वर्ष औसतन चार लाख से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। देश में राष्ट्रीय राजमार्ग और राष्ट्रीय एक्सप्रेस मार्ग की लम्बाई सत्तर हजार किलोमीटर से अधिक है।

ताजा आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2007 में देशभर में हुई 479216 सड़क दुर्घनाओं में 114444 लोगों को मौत हुई थी? इससे पहले वर्ष 2006 में 105749 और वर्ष 2005 में 94968 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हो गई थी।

रिपोर्ट के अनुसार सड़क दुर्घटना के मामलों में आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की स्थिति बदतर है जहां प्रतिवर्ष दस हजार से अधिक लोग इसके शिकार होते हैं। पूर्वोत्तर राज्यों की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है जहां मामूली संख्या में ही लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं।

आंध्रप्रदेश में वर्ष 2007 में 13549 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। इससे पहले इस राज्य में वर्ष 2006 में 12761 और 2005 में 10534 लोग मारे गये थे। तमिलनाडु में वर्ष 2007 में 12036, 2006 में 11009 तथा 2005 में 9758 लोग सड़क दुर्घटनाएं का शिकार हुए थे।

उत्तर प्रदेश में वर्ष 2007 में 11398 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए थे। इससे पहले वर्ष 2006 में इस राज्य में 10851 और 2005 में 9955 लोगों की सड़क हादसों में मौत हो गई थी। महाराष्ट्र में वर्ष 2005 में 10259, 2006 में 11343 और 2007 में 11212 लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गवां बैठे थे।

वर्ष 2007 में पूर्वोत्*तर के असम में 1604 मणिपुर में 114, मेघालय में 127, मिजोरम में 50 नगालैंड में 89 और त्निपुरा में 223 लोग सड़क हादसों में मारे गए थे। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में प्रति वर्ष एक हजार से कम लोगों की सड़क दुर्घटनाओं में मौत होती है। अरुणाचल प्रदेश में वर्ष 2007 में केवल 95 लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए थे।

रिपोर्ट के अनुसार चालकों की गलती से प्रति वर्ष औसतन 75 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। इसके अलावा साइकिल चालकों और पैदल चलने वालों की गलती के कारण भी एक प्रतिशत से डेढ प्रतिशत तक सड़क दुर्घटनाएं होती है। सड़क की खराब स्थिति के कारण डेढ से दो प्रतिशत और खराब मौसम के कारण भी लगभग डेढ प्रतिशत सड़क हादसे होते हैं।
 
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