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विसं. जयपुरत्न दीपावली से पहले प्रदेश में 108 एंबुलेंस सेवा ठप होने का खतरा फिलहाल टल गया है। सेवा प्रदाता कंपनी जिगित्सा हैल्थकेयर लिमिटेड और सरकार के बीच वार्ता के बाद अब ये गाडिय़ां शनिवार से फिर चलने लगेंगी। कंपनी का कहना है कि करीब डेढ़ करोड़ का भुगतान आदेश प्राप्त होने के बाद गाडिय़ां चलाना और स्टाफ का वेतन देना संभव हो सकेगा। राज्यभर में 108 आपातकालीन सेवा की 366 एंबुलेंस संचालित हो रही हैं। सेवा प्रदाता कंपनी के सीनियर मैनेजर (राजस्थान) ऋषि शर्मा का कहना है कि राज्य सरकार को वे लगातार वेतन मामले में अपनी परेशानी से अवगत करा रहे थे। करीब 10 करोड़ रुपए बकाया होने पर उनके लिए गाडिय़ां चलाना संभव नहीं हो रहा था। शर्मा ने बताया कि सरकार के साथ हुई वार्ता के बाद उन्हें डेढ़ करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया गया है। कुछ गाडिय़ों ने शाम से काम करना शुरू कर दिया है तो कुछ शनिवार से शुरू हो जाएंगी। उन्होंने ओवर बिलिंग की शिकायत को सही नहीं बताया।
शहर में नहीं चलीं 24 एंबुलैंस: भुगतान विवाद के कारण डीजल नहीं मिलने से जयपुर में 25 में से 24 एंबुलेंस शुक्रवार को दिनभर खड़ी रही। मानसरोवर, रामगंज, सी-स्कीम, आमेर, छोटी चौपड़, प्रतापनगर, बनीपार्क, अशोक नगर, करधनी, और विद्याधर नगर सहित अन्य इलाकों में सेवा बाधित रहने मरीजों को निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाना पड़ा। केवल जमवारामगढ़ की 108 सेवा 3-4 मरीज ही ला पाई। इन गाडिय़ों से शहर में रोजाना करीब 350 से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंचते थे, लेकिन शुक्रवार को केवल 43 मरीजों को जगह मिल पाई। सेवाप्रदाता कंपनी व एनआरएचएम के बीच समझौता होने के बाद कंपनी ने ड्राइवरों को खुद की जेब से डीजल डलवाकर 108 सेवा सुचारू रखने को कहा, जिसे ड्राइवरों ने नकार दिया।
दो माह से वेतन नहीं: 108 आपातकालीन सेवा के कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने की शिकायत को लेकर चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंपा है। उनको सितंबर का वेतन अब तक नहीं मिला है।
शहर में नहीं चलीं 24 एंबुलैंस: भुगतान विवाद के कारण डीजल नहीं मिलने से जयपुर में 25 में से 24 एंबुलेंस शुक्रवार को दिनभर खड़ी रही। मानसरोवर, रामगंज, सी-स्कीम, आमेर, छोटी चौपड़, प्रतापनगर, बनीपार्क, अशोक नगर, करधनी, और विद्याधर नगर सहित अन्य इलाकों में सेवा बाधित रहने मरीजों को निजी वाहनों से अस्पताल पहुंचाना पड़ा। केवल जमवारामगढ़ की 108 सेवा 3-4 मरीज ही ला पाई। इन गाडिय़ों से शहर में रोजाना करीब 350 से ज्यादा मरीज अस्पताल पहुंचते थे, लेकिन शुक्रवार को केवल 43 मरीजों को जगह मिल पाई। सेवाप्रदाता कंपनी व एनआरएचएम के बीच समझौता होने के बाद कंपनी ने ड्राइवरों को खुद की जेब से डीजल डलवाकर 108 सेवा सुचारू रखने को कहा, जिसे ड्राइवरों ने नकार दिया।
दो माह से वेतन नहीं: 108 आपातकालीन सेवा के कर्मचारियों ने वेतन नहीं मिलने की शिकायत को लेकर चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव को ज्ञापन सौंपा है। उनको सितंबर का वेतन अब तक नहीं मिला है।