एक जाट के कोए बालक ना था। उसने खूब मन्नतें मांगी,
नंगे पैर तीर्थ यात्रा पर गया, धरती पै सोया,
सारे देवी देवताओं के दर्शन करै ,
घणै दिन तक ब्रत करया,
और आखरी में कठिन निर्जला व्रत शुरू कर दिया।
फैर भगवान् खुद प्रकट
होए और हाथ जोड़ कै बोले..
" पहले ब्याह तो कर ले खसम "
नंगे पैर तीर्थ यात्रा पर गया, धरती पै सोया,
सारे देवी देवताओं के दर्शन करै ,
घणै दिन तक ब्रत करया,
और आखरी में कठिन निर्जला व्रत शुरू कर दिया।
फैर भगवान् खुद प्रकट
होए और हाथ जोड़ कै बोले..
" पहले ब्याह तो कर ले खसम "