मरवाड़ी की प्रेम कहानी, दो प्रेमी आँखों में आँखें डाल कर बूंदी-भुजिया खा रहे थे। लड़की शरमा के : " यूँ घुर घुर ने कांई देख रिया हौ थे " लड़का : " थोड़ो थोड़ो खा मंगती, मुट्ठो भर भर कांई फाका मारे" "