साया

ALONE

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कभी खुशबू , कभी झोंका, कभी हवा सा लगे
जुदा होकर भी तू मुझसे जुड़ा - जुडा सा लगे
बस यही सोचकर रातों को, मैं नहीं सोता
नींद आये तो तेरा खवाब चला आयेगा

फिर सुबह जब खुलेंगी आँखें मेरी..
तू भी सुबह को सितारे सा चला जायेगा

आ कर अब तेरा जाना बुरा - बुरा सा लगे
जुदा होकर भी तू मुझसे जुड़ा - जुडा सा लगे
कोई दस्तक , कोई आहट , कोई आवाज़ नहीं
तू दबे पाव ख्यालों मे चला आता है
बारहा ऐसा भी महसूस हुआ है मुझको
आके चुप चाप तू पहलूं में बेथ जाता है
तू कहीं आज भी मुझ में जिंदा - जिंदा सा लगे
जुदा होकर भी तू मुझसे जुड़ा - जुडा सा लगे
आज भी लम्स धड़कते हैं मेरे सीने में
आज भी तेरी खनकती सी सादा आती है
आज भी जिस्म सुलगता है, तेरी सासों से
आज भी रूह में हलचल मेरे मच जाती है
दिल तेरी याद से अब यूँ भरा भरा सा लगे
जुदा होकर भी तू मुझ्से जुड़ा - जुडा सा लगे
कभी खुशबू, कभी झोंका, कभी हवा सा लगे
जुदा होकर भी तू मुझसे जुड़ा - जुडा सा लगे..
 
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