लहू

avi-jaat

Elite
दिल को उसकी हसरत से
खफ्फा कैसे करू,
अपने रब को भूल जाने की ख़ाता कैसे करू,
लहू बनकर राग राग मे बस गया है वो लहू को इस जिस्म से ज़ुदा कैसे करू.
 
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