JobanJit Singh Dhillon
Elite
रोज नए चेहरो से मुलाकात होती है
जाने अन्जाने में बात भी होती है
सब फिरते है नकली चेहरा लिए हुए
कहाँ असलियत भी बयाँ होती है
मालूम नहीं कैसे जी लेते है लोग
दिखती नहीं पर सीने मैं आग होती है
हरमन जरा बच के चल राहें आसान नहीं
अपनों की नीयत भी बड़ी ख़राब होती है
कलम :- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )
जाने अन्जाने में बात भी होती है
सब फिरते है नकली चेहरा लिए हुए
कहाँ असलियत भी बयाँ होती है
मालूम नहीं कैसे जी लेते है लोग
दिखती नहीं पर सीने मैं आग होती है
हरमन जरा बच के चल राहें आसान नहीं
अपनों की नीयत भी बड़ी ख़राब होती है
कलम :- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )