भरे बाज़ार से अकसर खाली हाथ लौट आता हूँ; कभी खवाहिश नहीं होती... कभी पैसे नहीं होते।
Dhillon Dhillon Sa'aB™ Staff member Aug 29, 2014 #1 भरे बाज़ार से अकसर खाली हाथ लौट आता हूँ; कभी खवाहिश नहीं होती... कभी पैसे नहीं होते।