कभी यक-ब-यक तवज्जुह, कभी मुसलसल बे-रूखी आज़मा रहा हैं कोई मुझे , रुख यूं बदल बदल कर
dilbardeewana VIP Jul 14, 2015 #1 कभी यक-ब-यक तवज्जुह, कभी मुसलसल बे-रूखी आज़मा रहा हैं कोई मुझे , रुख यूं बदल बदल कर