अर्ज़ किया है चुप-चाप चल रहा था मैं मंज़िल की ओर, फिर ठेके पर नज़र पड़ी और हम गुमराह हो गए।
jassmehra (---: JaSs MeHrA :---) Sep 7, 2015 #1 अर्ज़ किया है चुप-चाप चल रहा था मैं मंज़िल की ओर, फिर ठेके पर नज़र पड़ी और हम गुमराह हो गए।