अमिताभ फिर साबित हुए अभिनय के ‘शहंशाह’

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Aman Jatt
नई दिल्ली.भले ही गोवा फिल्म फेस्टिवल के लिए विशेष अतिथि बनाकर बाद में उन्हें न बुलाया गया हो या फिर अपने ब्रांड एंबेसेडर के तौर पर राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति को अमिताभ बच्चन फिट न लगे हांे, लेकिन 57वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ने साबित कर दिया है कि अगर राजनीति न हो तो अभिनय के मैदान में और हिंदी चित्रपट के इतिहास में अमिताभ बच्चन की योग्यता और योगदान को शायद ही नकारा जा सकता है।


सदी के महानायक के खिताब से सम्मानित अमिताभ बच्चन को 57वंे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में न केवल ‘पा’ में अभिनय के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का खिताब दिया गया, बल्कि उनकी इस फिल्म ने श्रेष्ठ हिंदी फिल्म, श्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री (अरुंधती नाग) और श्रेष्ठ मेक-अप (क्रिस्टीन टिनसले-डोमिनी टिल) के पुरस्कार भी हासिल किए। श्रेष्ठ अभिनय के लिए बच्चन को प्रतीक चिह्न के तौर पर रजत कमल के साथ ही 50 हजार रुपए की राशि भी दी जाएगी।


फिल्म पुरस्कार में आमिर खान की ‘थ्री इडियट्स’ को श्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फारूक शेख को ‘लाहौर’ फिल्म के लिए श्रेष्ठ सहायक अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जबकि इसी फिल्म को इंदिरा गांधी अवार्ड फॉर बेस्ट डेब्यू फिल्म से भी नवाजा गया।


फीचर फिल्म श्रेणी की ज्यूरी के अध्यक्ष रमेश सिप्पी ने अमिताभ बच्चन को श्रेष्ठ अभिनेता का खिताब देने पर कहा कि 11 मंे से नौ सदस्यों ने इसके पक्ष में राय दी थी। ऐसे में किसी अन्य के नाम पर विचार भी कैसे किया जा सकता था। अमिताभ बच्चन के साथ हिंदी सिनेमा की सदाबहार सफलतम फिल्म ‘शोले’ बनाने वाले सिप्पी ने कहा कि चयन के लिए आई सभी फिल्मों में से बेस्ट एक्टर चुनना खासा मुश्किल था।


लेकिन ज्यूरी अमिताभ बच्चन को चुनने के मसले पर एकमत थी। बच्चन को इससे पहले वर्ष 2005 में ‘ब्लैक’ में उनकी भूमिका के लिए श्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। इससे पहले 1990 में ‘अग्निपथ’ के लिए भी वह श्रेष्ठ अभिनेता चुने गए थे। जबकि 1969 में ‘सात हिंदुस्तानी’ के लिए अमिताभ बच्चन को बेहतरीन नए अभिनेता का पुरस्कार हासिल हो चुका है। फिल्म पुरस्कारों के लिए फीचर फिल्म श्रेणी में ज्यूरी को 136 व नॉन फीचर फिल्म श्रेणी में 114 आवेदन हासिल हुए थे।


पुरस्कार हासिल करने के क्रम में हिंदी सिनेमा के बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद बेस्ट फीचर फिल्म सहित पांच अवार्ड लेकर मलयालम फिल्म ‘कुट्टी शरंख’ ने अपना परचम लहराया। श्याम बेनेगल की ‘वेल डन अब्बा’ को जहां सामाजिक विषय उठाने वाली बेहतरीन फिल्म के पुरस्कार से नवाजा गया, वहीं राष्ट्रीय एकता के संदेश को प्रसारित करने के लिए राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फीचर फिल्म ‘दिल्ली-6’ को नर्गिस दत्त अवार्ड से सम्मानित किया गया। अमित त्रिवेदी को ‘देव डी’ के बेस्ट म्युजिक डायरेक्टर, जबकि सवानंद किरकिरे को ‘3 इडियट्स’ के ‘बहती हवा सा था वो’ के लिए श्रेष्ठ गीतकार के पुरस्कार से नवाजा गया।


हिंदी सिनेमा के साथ ही बंगाली सिनेमा को भी कई पुरस्कार हासिल हुए। ‘अभोमान’ फिल्म में निभाए गए रोल के लिए अनन्या चटर्जी को बेस्ट एक्ट्रेस के साथ ही इसी फिल्म के लिए ऋतुपर्ण घोष को बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार दिया गया। ‘थ्री इडियट्स’ के प्रोड्यूसर विधु विनोद चोपड़ा व निर्देशक राजकुमार हिरानी को भी स्वर्ण कमल व दो लाख रुपए की राशि से नवाजा जाएगा। फीचर फिल्म श्रेणी के अलावा राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में नॉन फीचर फिल्म और फिल्म लेखन के लिए भी पुरस्कार घोषित किए।


कुछ पुरस्कारों पर एक नजर


> सर्वश्रेष्ठ अभिनेता : अमिताभ बच्चन (पा)


> सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री : अनन्या चटर्जी (ओबोहोमान)


> सर्वश्रेष्ठ फिल्म : कुट्टी श्रांक (मलयाली)


> सर्वश्रेष्ठ लोकप्रिय फिल्म : 3 इटियट्स


> सर्वश्रेष्ठ संगीतकार : अमित त्रिवेदी (देव डी)


> सर्वश्रेष्ठ गायक : रूपम इस्लाम (महानगर)


> सर्वश्रेष्ठ गायिका : नीलंजना सरकार (हाउसफुल)


सारे सम्मान स्वागत योग्य होते हैं जो योग्य व आपकी जरूरत महसूस कराते हैं। यह पूरे परिवार के लिए महान क्षण है। मुझे खुशी है कि ‘पा’ को अवार्ड मिला और दिल्ली-6 को भी, जिसमें अभिषेक हैं।


अमिताभ बच्चन, पा में ऑरो का रोल निभाया था।


मेरे बेटे ने अभी-अभी पा में अपनी परफार्मेस के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता है!!! पा ने 4 नेशनल अवॉर्ड जीते हैं।


अभिषेक बच्च्न, पा में अमिताभ के पिता का रोल निभाया था।
 
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