bapu da laadla
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कुरुक्षेत्र का मैदान महासंग्राम के लिए पूरी तरह से सज चुका था । दोनों तरफ की सेनाएं भिड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार थीं । हजारो हाथी घोड़ो की चिंघाड़ से पूरा मैदान गूँज रहा था । युद्ध से विरत अर्जुन का मोहभंग करने के लिए कृष्ण अर्जुन को गीता का उपदेश देने लगते हैं । उस क्षण की विशेषता ये थी सिर्फ अर्जुन ही कृष्ण को देख और सुन सकता था ऐसे में
1. जब कोई गीता को पढता है तो सम्पूर्ण गीता को पढने में एक दिन से अधिक का समय लगता है फिर कृष्ण ने अर्जुन को पूरी गीता मात्र कुछ मिनटों में कैसे सुना दी ?
2. जब दोनों सेनाएं युद्ध के लिए तैयार थी और कृष्ण को अर्जुन के सिवाय कोई और देखने सुनने में सक्षम नहीं था तो दोनों तरफ से युद्ध आरम्भ क्यों नहीं किया गया ? प्रद्युम्न और भीष्म किस चीज की प्रतीक्षा
कर रहे थे ?
3. जब कृष्ण को उस समय सिर्फ अर्जुन ही देख सकता था तो युद्धक्षेत्र से काफी दूर राजमहल में संजय धृतराष्ट्र को गीता के उपदेश किस प्रकार सुना सकता था ?
4. इतने कोलाहल भरे माहौल में जहाँ हजारो हाथी घोड़े चिंघाड़ रहे थे कोई शांति से प्रवचन कैसे दे सकता है और कोई उनको शांति के साथ सही तरह से कैसे सुन सकता है ?
5. कृष्ण ने उपदेश दिए अर्जुन ने सुने ? दोनों में से लिखा किसी ने नहीं, किसी तीसरे ने उसको सुना नहीं फिर गीता लिखी किसने ?
6. अगर किसी तीसरे व्यक्ति ने गीता सुनी भी तो उसको युद्धक्षेत्र में लिखा कैसे गया ?
7. अगर गीता युद्ध के बाद लिखी गयी तो इतने सारे उपदेशो को कंठस्थ किसने किया ? इतने सारे उपदेशो को सुनकर याद रखकर बिलकुल वैसा ही कैसे लिखा जा सकता था ?
8. अगर गीता के उपदेश इतने ही गोपनीय थे कि उनको सिर्फ अर्जुन ही सुन सके तो इन दोनों के बीच का वार्तालाप सार्वजानिक कैसे हुआ ?
9. अगर गीता के उपदेश सभी लोगो के लिए उपयोगी थे तो कृष्ण को चाहिए था वो अपने उपदेश सभी युद्ध में हिस्सा लेने वाले सभी लोगो को सुनाता ताकि सभी लोगो का ह्रदय परिवर्तन हो सकता और इतने बड़े नरसंहार को टाला जा सकता ।
10. अगर गीता के उपदेश उस समय सभी के लिए उपयोगी नहीं थे तो आज सभी के लिए उपयोगी कैसे हो सकते हैं ?
1. जब कोई गीता को पढता है तो सम्पूर्ण गीता को पढने में एक दिन से अधिक का समय लगता है फिर कृष्ण ने अर्जुन को पूरी गीता मात्र कुछ मिनटों में कैसे सुना दी ?
2. जब दोनों सेनाएं युद्ध के लिए तैयार थी और कृष्ण को अर्जुन के सिवाय कोई और देखने सुनने में सक्षम नहीं था तो दोनों तरफ से युद्ध आरम्भ क्यों नहीं किया गया ? प्रद्युम्न और भीष्म किस चीज की प्रतीक्षा
कर रहे थे ?
3. जब कृष्ण को उस समय सिर्फ अर्जुन ही देख सकता था तो युद्धक्षेत्र से काफी दूर राजमहल में संजय धृतराष्ट्र को गीता के उपदेश किस प्रकार सुना सकता था ?
4. इतने कोलाहल भरे माहौल में जहाँ हजारो हाथी घोड़े चिंघाड़ रहे थे कोई शांति से प्रवचन कैसे दे सकता है और कोई उनको शांति के साथ सही तरह से कैसे सुन सकता है ?
5. कृष्ण ने उपदेश दिए अर्जुन ने सुने ? दोनों में से लिखा किसी ने नहीं, किसी तीसरे ने उसको सुना नहीं फिर गीता लिखी किसने ?
6. अगर किसी तीसरे व्यक्ति ने गीता सुनी भी तो उसको युद्धक्षेत्र में लिखा कैसे गया ?
7. अगर गीता युद्ध के बाद लिखी गयी तो इतने सारे उपदेशो को कंठस्थ किसने किया ? इतने सारे उपदेशो को सुनकर याद रखकर बिलकुल वैसा ही कैसे लिखा जा सकता था ?
8. अगर गीता के उपदेश इतने ही गोपनीय थे कि उनको सिर्फ अर्जुन ही सुन सके तो इन दोनों के बीच का वार्तालाप सार्वजानिक कैसे हुआ ?
9. अगर गीता के उपदेश सभी लोगो के लिए उपयोगी थे तो कृष्ण को चाहिए था वो अपने उपदेश सभी युद्ध में हिस्सा लेने वाले सभी लोगो को सुनाता ताकि सभी लोगो का ह्रदय परिवर्तन हो सकता और इतने बड़े नरसंहार को टाला जा सकता ।
10. अगर गीता के उपदेश उस समय सभी के लिए उपयोगी नहीं थे तो आज सभी के लिए उपयोगी कैसे हो सकते हैं ?
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