yeh muhabat hai zaalim yeh hawaa to cati rahegi
aj maine isse sanson me bhar liya kal tere dar pe aa rukrgi
अब तो परवाने भी तुझ पर तरस खातें हे,,,
के वो तो जलते हे समां से मिलने के बाद
बचो उस शोख की आँखों से वरना डूब जाओगे ,
समंदर के कीनारे भी बहुत गहराई रहती है