charanjaitu
Chardi Kala Club
जाने क्यों तुमसे मिलने की
आशा कम, विश्वास बहुत है
सहसा भूली याद तुम्हारी
उर में आग लगा जाती है
विरहातप में मधुर-मिलन के
सोए मेघ जगा जाती है
मुझको आग और पानी में
रहने का अभ्यास बहुत है
धन्य-धन्य मेरी लघुता को
जिसने तुम्हें महान बनाया
धन्य तुम्हारी स्नेह-कृपणता
जिसने मुझे उदार बनाया
मेरी अन्ध भक्ति को केवल
इतना मन्द प्रकाश बहुत है
अगणित शलभों के दल के दल
एक ज्योति पर जल कर मरते
एक बूंद की अभिलाषा में
कोटि-कोटि चातक तप करते
शशि के पास सुधा थोड़ी है
पर चकोर को प्यास बहुत है
मैंने ऑंखें खोल देख ली
है नादानी उन्मादों की
मैंने सुनी और समझी है
कठिन कहानी अवसादों की
फिर भी जीवन के पृष्ठों में
पढ़ने को इतिहास बहुत है
ओ! जीवन के थके पखेरू
बढ़े चलो हिम्मत मत हारो
पंखों में भविष्य बंदी है
मत अतीत की ओर निहारो
क्या चिंता धरती यदि छूटी
उड़ने को आकाश बहुत है
आशा कम, विश्वास बहुत है
सहसा भूली याद तुम्हारी
उर में आग लगा जाती है
विरहातप में मधुर-मिलन के
सोए मेघ जगा जाती है
मुझको आग और पानी में
रहने का अभ्यास बहुत है
धन्य-धन्य मेरी लघुता को
जिसने तुम्हें महान बनाया
धन्य तुम्हारी स्नेह-कृपणता
जिसने मुझे उदार बनाया
मेरी अन्ध भक्ति को केवल
इतना मन्द प्रकाश बहुत है
अगणित शलभों के दल के दल
एक ज्योति पर जल कर मरते
एक बूंद की अभिलाषा में
कोटि-कोटि चातक तप करते
शशि के पास सुधा थोड़ी है
पर चकोर को प्यास बहुत है
मैंने ऑंखें खोल देख ली
है नादानी उन्मादों की
मैंने सुनी और समझी है
कठिन कहानी अवसादों की
फिर भी जीवन के पृष्ठों में
पढ़ने को इतिहास बहुत है
ओ! जीवन के थके पखेरू
बढ़े चलो हिम्मत मत हारो
पंखों में भविष्य बंदी है
मत अतीत की ओर निहारो
क्या चिंता धरती यदि छूटी
उड़ने को आकाश बहुत है