Skoon

ये दिलों की धडकन , ये सकून के कुछ पल, ये जुदाई के एहसास
तुम से जुडे हैं, तेरे प्यार से जुडे हैं , मेरी चाहत से जुडे हैं

मुझे नहीं मालूम के जाना कहां हैं, मुझे नहीं होश कि आया कहां से हूं
ये रास्ते शायद तमाम जिंदगी के दरदों कीं राहत से जुडे हैं

हार गया मैं जमाने से अपने खुदा का ढोल पीटते पीटते
शायद कुछ दिन ऐसे दिन हैं जो खुदा की आहट से जुडे हैं

तेरा इश्क ही खुदा है , या मेरी इबादत-ए-इश्क ही ऐसी है
मेरी तप्सया के फल भी क्यों तेरी नज़र-ए-इनायत से जुडे हैं

क्यों मेरे खून की बूंदों को सांस नही आता इस खुली हवा में भी
शायद दूर अंदर तक के सकून तेरी जुदाई की घबराहट से जुडे हैं@psm
 
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