फिर "दानिश"-o-"महसर" है, "इकबाल" भी "बहसत" भी

~¤Akash¤~

Prime VIP
है मस्क-ऐ-सुखन ज़ारी चक्की की मुशक्कत भी
एक तरफ़ा तमाशा है, हसरत की तबियत भी !

जो चाहो सजा दे दो, तुम और भी खुल खेलो
पर हमसे कसम ले लो की हो जो सिकायत भी !

खुद इश्क की गुस्ताखी सब तुझको सिखा देगी
ऐ हुश्न-ऐ-हया-परवर, सोखी भी शरारत भी !

है "शाद"-ओ-साफी सायर, या "शौक"-ओ-"वफ़ा" "हशरत"
फिर "दानिश"-o-"महसर" है, "इकबाल" भी "बहसत" भी

हसरत "मोहनी"
 
Top