ketan chadha
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वो कहते है
पहचान पत्र लाओ
तो घर में धुसने देगे
उनसे कहना
नादान परिदो की
न कोई सीमा होती है
वो कहते है
अपना नाम बताओ
तब साथ बैठेगे
उनसे कहना
इंसानियत की न कोई जात होती है
क्यों लड़ते है
हम इस तरह
क्यों मरते है
हम इस तरह
क्या रखा है जात में
क्यों डरते है
हम इस तरह
कौन सा म्ह्जब है जो
हमे ये सब कुछ सिखाता है
बस इतना बता दू दोस्तों
आखो में आसू सबके एक सा आता है
पहचान पत्र लाओ
तो घर में धुसने देगे
उनसे कहना
नादान परिदो की
न कोई सीमा होती है
वो कहते है
अपना नाम बताओ
तब साथ बैठेगे
उनसे कहना
इंसानियत की न कोई जात होती है
क्यों लड़ते है
हम इस तरह
क्यों मरते है
हम इस तरह
क्या रखा है जात में
क्यों डरते है
हम इस तरह
कौन सा म्ह्जब है जो
हमे ये सब कुछ सिखाता है
बस इतना बता दू दोस्तों
आखो में आसू सबके एक सा आता है