पूरी महफ़िल वो हमसे अंजान रहे
कभी जो इस दिल की जान रहे
वक्त ने फ़ासले तय किए होंगे
हम तो हर दम उनके साथ रहे
उम्र बढती गई इंतिज़ार में
वो जब भी मिले जवान रहे
उनसे कहो की भूल जाऍ हमें
चाहे हम कितना भी याद रहें
नाम तक नही लेता कोई उनका
' हमेशा इश्क मे बदनाम रहे