~¤Akash¤~
Prime VIP
कई ख्वाब मुस्कुराये सरे-शाम बेखुदी में
मेरे लब पे आ गया था तेरा नाम बेखुदी में !
तेरे गेसुओ का साया है के शामे-मैकदा है
तेरी आँख बन गयी है मेरा जाम बेखुदी में !
कई बार चाँद चमके तेरी नर्म आहटों के
कई बार जगमगाए दरो-बाम बेखुदी में !
जिसे ढूँढती रही है मेरी बेक़रार आँखें
मेरे दिल ने पा लिया है वो मकाम बेखुदी में !
वो ख्याल कौन सा है कि बना हुआ है पैकर
किसे "नक्श" कह रहा हूँ मै सलाम बेखुदी में
मेरे लब पे आ गया था तेरा नाम बेखुदी में !
तेरे गेसुओ का साया है के शामे-मैकदा है
तेरी आँख बन गयी है मेरा जाम बेखुदी में !
कई बार चाँद चमके तेरी नर्म आहटों के
कई बार जगमगाए दरो-बाम बेखुदी में !
जिसे ढूँढती रही है मेरी बेक़रार आँखें
मेरे दिल ने पा लिया है वो मकाम बेखुदी में !
वो ख्याल कौन सा है कि बना हुआ है पैकर
किसे "नक्श" कह रहा हूँ मै सलाम बेखुदी में