शुकर गुजार हूँ

शुकर गुजार हूँ उनका जो इस काबिल बना रहे है इस अदब सी नाचीज को उड़ना सिखा रहे है बादल मुश्किलों के काले है मेहनत से जो हटते जा रहे है साथ मिला जो ऐसे दोस्तों का हर पल मेरा साथ निभा रहे है कलम :- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )
 
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