Saini Sa'aB
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शहरों की मारामारी में
सारे मोल गए
सत्य अहिंसा दया धर्म
अवसरवादों ने लूटे
सरकारी दावे औ’ वादे
सारे निकले झूठे
भीड़ बहुत थी
अवसर थे कम
जगह बनाती रहीं कोहनियाँ
घुटने बोल गए
सड़कें गाड़ी महल अटारी
सभी झूठ से फाँसे
तिकड़म लील गई सब खुशियाँ
भीतर रहे उदासे
सारे मोल गए
सत्य अहिंसा दया धर्म
अवसरवादों ने लूटे
सरकारी दावे औ’ वादे
सारे निकले झूठे
भीड़ बहुत थी
अवसर थे कम
जगह बनाती रहीं कोहनियाँ
घुटने बोल गए
सड़कें गाड़ी महल अटारी
सभी झूठ से फाँसे
तिकड़म लील गई सब खुशियाँ
भीतर रहे उदासे
बेगाने दिल की
क्या जानें
अपनों से भी मन की पीड़ा
टालमटोल गए
क्या जानें
अपनों से भी मन की पीड़ा
टालमटोल गए