शम्मा ने कहा

शम्मा ने कहा परवाने से हुसन ने कहा दीवाने से आखिर क्या बात है ऐसी मुझ में जो रुक्सत हुए तुम ज़माने से शम्मा से कहा परवाने ने हुसन से कहा दीवाने ने तेरी चाहत मैं है मज़ा इतना ज़िन्दगी भी थोड़ी है संग बिताने में .. कलम :- हरमन बाजवा ( मुस्तापुरिया )
 
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