वो है बेवफा तो वफ़ा करो जो असर ना हो तो दुआ कर

~¤Akash¤~

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वो है बेवफा तो वफ़ा करो जो असर ना हो तो दुआ करो
जिसे चाहो उसे बुरा कहो ये तो दोस्ती के खिलाफ है

ये जला दिया वो बुझा दिया ये काम है किसी और का
ना हवा के कोई खिलाफ है ना हवा किसी के खिलाफ है

वो जो धूप थी वो सिमट गयी जो चांदनी थी बिखर गयी
मगर एक जुगनू हकीर सा अभी तीरगी के खिलाफ है

वो जो मेरे गम मे शरीक था जिसे मेरा ग़म भी अजीज़ था
मैं जो खुश हुआ तो पता चला वो मेरी ख़ुशी के खिलाफ है


हकीर =साधारण,छोटा
तीरगी =अँधेरा
 
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