वो अपने चेहरे में सौ अफ़ताब रखते हैं इसीलिये तो वो रुख़ पे नक़ाब रखते हैं वो पास बैठे तो आती है दिलरुबा ख़ुश्बू वो अपने होठों पे खिलते गुलाब रखते हैं