लड़कियां क्या कुछ नहीं सहती हैं

*Amrinder Hundal*

Hundal Hunterz
आज मेरे दिल में एक टीस सी उठी है,
कुछ सोच कर मेरी आत्मा भी घुटी है,
मैं वो ही लिखता हूँ
मेरी रूह जो मुझसे कहती है,
सच कहू तो लड़कियां क्या कुछ
नहीं सहती हैं !!
बचपन मे बड़े भाई की फटकार,
छोटे भाई की शरारत पर
बेवजह मार,
छोटे भाई की गलती पर खुदसजा पाना,
नन्हे हांथो से कुछ
ना कर पाने का ताना,
छोटे भाई को बचाने में
इनका घुटना छिल जाता है,
खुश हो जाती हैं जो कभी इन्हें
टूटा खिलौना मिल जाता है,
इन्हें हर दुःख गम अपने भाई के खातिर गंवारा होता है,
इन्हें तो भाई अपनी जान से भी
प्यारा होता है,
मासूम बचपन मे भी ये
बचपन से अनजान रहती हैं,
सच कहूं तो लड़कियां क्या कुछ
नहीं सहती हैं !!
बड़ी हुई तो इन्हें स्कूल भेजा गया,
भाई का ख्याल रखना ये भी सहेजा
गया,
जिम्मेदारियों के बोझ तले ये कहाँ
पढ़ाई करती हैं,
भाई को कंही चोट ना लगे ये इस
बात से डरती हैं,
अध्यापक ने क्या पढ़ाया और क्या कहता
है,
इनका ध्यान को केवल भाई की और हो लगा
रहता है,
माँ बाप तो ठीक पर दादी भी कुछ ना
कुछ कहती है,
सच कहूं तो लड़कियां क्या कुछ
नहीं सहती हैं !!
भाई का हर साल जन्मदिन मनाया
जाता है,
पर इनके जन्मदिन पर मंदिर ले
जाया जाता है,
इन्हें मिली हर चीज मे भाई का
हिस्सा होता है,
और भाई की चीजों मे कुछ अलग ही
किस्सा होता है,
अन्याय सहते हुए भी ये अपना मन मार
लेती हैं,
इनकी बात कौन सुनेगा इसलिए ये चुप
ही रहती हैं,
सही और गलत को ये नहीं किसी से कहती
हैं,
सच कहूं तो लड़कियां क्या कुछ
नहीं सहती हैं !!
फिर अचानक ही माँ बाप को अपनी
जिम्मेदारियों का ख्याल आ जाता है,
अपनी बेटी के वास्ते बेपनाह दिल में
प्यार आ जाता है,
इनकी हालत को कभी भी ना संभाला
जाता है,
शादी के बहाने ही सही पर इन्हें
घर से निकाला जाता है,
पति की सेवा करके ये खुद को निहाल
समझती हैं,
दुनियादारी मे पड़कर ये कहाँ
अपना ख़याल रखती हैं,
कंही ना कंही हम सब गुनाहगार हैं
ये अंतरात्मा कहती है,
सच कहूं तो लड़कियां क्या कुछ
नहीं सहती हैं !!
बच्चों के होने पर ये उनकी
परवरिश मे ही खो जाती हैं,
पढ़ा लिखा कर लायक बनाकर
ये उनसे दूर हो जाती हैं,
फिर ये और इनकी तन्हाई बचपन को
याद करते हैं,
पर मुस्कुराते हुए अन्दर ही अन्दर
डरते हैं,
आज के समाज मे बस यही कुछ चल
रहा है,
लड़कियों की हालत देख कर
खुद मौला भी दहल रहा है,
क्यूंकि लड़कियों की हर दुआ में
मौला से ही फ़रियाद रहती है,
सच कहू तो लड़कियां क्या कुछ
नहीं सहती हैं !!
 
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