रेलगाड़ी में साथ-साथ चलते थे तारे गाँव छूटते जाते थे पीछे अगल– बगल सब साथ तो थे पर सोते ढीले टिकी रहीं आँखें तारों पर पैरों तले ज़मीन निकलती रही अजाने. . .