यादें जब भी आती हैं

Saini Sa'aB

K00l$@!n!
यादें जब भी आती हैं

यादें जब भी मेरे मन के द्वारे आतीं हैं
दिल भर आता और आंखें भी नम हो जातीं हैं

बीते कल के दृश्य पटल पर
उगने लगते हैं
बिछड़े हुये बेगाने भी सब
अपने लगते हैं
दर्द भरी तस्वीरें जब भी
मन तड़पाती है
ंदिल भर आता और आंखें भी
नम हो जाती हैं

तेरा- मेरा इसका - उसका
सब रह जाता है
एक हवा का झोंका जब
जीवन छल जाता है
संबंधों की शिला जब कभी
यूं ढह जाती है
दिल भर आता और आंखें भी
नम हो जाती हैं

 
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