Saini Sa'aB
K00l$@!n!
मौसम की आहट
लगी दौड़ने
तेज़-तेज़ फगुनाहट
धूल उड़ाती
इन गलियों में
हल्की-सी
मौसम की आहट!
रखे वैशाख ने पैर
खिले गुलमुहर
दमक उठी फिर
हरी चुनर पर
छींट सिंदूरी!
साथ हवा के लगे डोलने
अमलतास के
सोन हिंडोले!
लगी बहकने राह
अनमनी
फुटपाथों पर घास सो गई
बिछा छाँह की बाँह घनी-घनी!!
लगी दौड़ने
तेज़-तेज़ फगुनाहट
धूल उड़ाती
इन गलियों में
हल्की-सी
मौसम की आहट!
रखे वैशाख ने पैर
खिले गुलमुहर
दमक उठी फिर
हरी चुनर पर
छींट सिंदूरी!
साथ हवा के लगे डोलने
अमलतास के
सोन हिंडोले!
लगी बहकने राह
अनमनी
फुटपाथों पर घास सो गई
बिछा छाँह की बाँह घनी-घनी!!