हवा मे ढूँढ रही है कोई सदा मुझको पुकारता है पहाडो का सिलसिला मुझको मे आसमा-ओ- ज़मीं की हदे मिला देता कोई सितारा अगर झुक के चूमता मुझको बस एक ही रात मे सरसब्ज ये ज़मीन हुई मेरे खुदा ने कहाँ तक बिछा दिया मुझको