मेरे खुदा ने कहाँ तक बिछा दिया मुझको

~¤Akash¤~

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हवा मे ढूँढ रही है कोई सदा मुझको
पुकारता है पहाडो का सिलसिला मुझको

मे आसमा-ओ- ज़मीं की हदे मिला देता
कोई सितारा अगर झुक के चूमता मुझको

बस एक ही रात मे सरसब्ज ये ज़मीन हुई
मेरे खुदा ने कहाँ तक बिछा दिया मुझको
 
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