ये बेरुखी भी तेरी, करम होगी यक़ीनन ज़प्त-ए-गमे फ़िराक का जज्बा जो दे मुझे........ मुझे दुश्मनों ने अता किया हैं ये हौसला, जोशे जुनूँ मेरे सर पे इतनी बुलंदियां मेरे दुश्मनों का कमाल है.....