Sarbjit Kaur Toor
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भ्रष्टाचार का दानव आज, दिखा रहा है अपना नाच,
बिन पैसे के अब तो भैया, होता नहीं कोई भी काज।
यदि हाल यही रहा तो भगवान के घर के लिए भी अब देनी होगी रिश्वत,
जो जादा धन यमराज तक पहुचाएगा,
वही स्वर्ग वासी कहलाएगा।
गरीब के हिस्से में तो में तो यहाँ भी हे नर्क, वहाँ भी नर्क वासी बन जाएगा।
यदि हाल यही रहा तो, अजन्मे बच्चे से भी से भी यह कहलाएगा, पापा मुझे विडियो गेम दिलादो
फिर दुनिया में आयेगा।
यदि हाल यही रहा तो धरती तो क्या चाँद के लिए भी होगा युद्ध,
जो जादा धन देगा चन्दा उसका हो जाएगा,
चंदा मामा की चाँदी होगी वह भी खूब कमाएगा।
यदि हाल यही रहा तो डॉकटर,बेरिस्टर बनना एक सपना हो जाएगा,
बच्चों के स्कूल दाखिलों में ही माँ-बाप कंगाल हो जाएगा।
भ्रष्टाचार का दानव सबको ऐसा नाच नचाएगा,
बिन पैसे के तो अब तो भैया कोई काज ना हो पाएगा।
Writer-Sarbjit Kaur Toor
बिन पैसे के अब तो भैया, होता नहीं कोई भी काज।
यदि हाल यही रहा तो भगवान के घर के लिए भी अब देनी होगी रिश्वत,
जो जादा धन यमराज तक पहुचाएगा,
वही स्वर्ग वासी कहलाएगा।
गरीब के हिस्से में तो में तो यहाँ भी हे नर्क, वहाँ भी नर्क वासी बन जाएगा।
यदि हाल यही रहा तो, अजन्मे बच्चे से भी से भी यह कहलाएगा, पापा मुझे विडियो गेम दिलादो
फिर दुनिया में आयेगा।
यदि हाल यही रहा तो धरती तो क्या चाँद के लिए भी होगा युद्ध,
जो जादा धन देगा चन्दा उसका हो जाएगा,
चंदा मामा की चाँदी होगी वह भी खूब कमाएगा।
यदि हाल यही रहा तो डॉकटर,बेरिस्टर बनना एक सपना हो जाएगा,
बच्चों के स्कूल दाखिलों में ही माँ-बाप कंगाल हो जाएगा।
भ्रष्टाचार का दानव सबको ऐसा नाच नचाएगा,
बिन पैसे के तो अब तो भैया कोई काज ना हो पाएगा।
Writer-Sarbjit Kaur Toor
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