और आगे फिर कहीं...एक नया आकाश..नयी उषा बुलाये &#2348

~¤Akash¤~

Prime VIP
एकबारगी लो फिर आज यादें हमसे मिलने पहुँचीं है..
जो पता भूल गए थे कभी..आज कुछ बताने बैठी है ..

आई है साथ में लेकर किस्से-कहानी कई..
वही खुशबू..वही रंगत..सब कुछ लौटने बैठी है.

ठहराव को हटा चल दिए थे मीलों आगे कहीं...
ये यादें फिर कुछ पल को हथेली पर लगाये बैठी है..

मन का उजाला हर पल एक नया जन्म लेने लगा है..
और ये यादें फिर चुप-चाप दिशा बदलने बैठी है..

ज़रा इन्हें भी बतलाएं भला..दाहक रहा है शीत कहीं.
अब हांथों की हर लकीर एक नया आइना सजाएँ बैठी है..

अपनी यांदों से कुछ संभलते उतरते चले है..
और आगे फिर कहीं...एक नया आकाश..नयी उषा बुलाये बैठी है..
 
Top