खो गयी है मंजिले, मिट गए है सारे रस्ते, सिर्फ गर्दिशे ही गर्दिशे, अब है मेरे वास्ते. काश उसे चाहने का अरमान न होता, मैं होश में रहते हुए अनजान न होता न प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमको, या फिर कोई पत्थर दिल इंसान न होता.