ना जाने उसने कहाँ से मुझे च्रुराया था

~¤Akash¤~

Prime VIP
कुछ इस तरह वो मेरी ज़िन्दगी मे आया था
मेरा होते हुए भी एक साया था

हवा मे उड़ने की धुन ने ये दिन दिखाया था
उडान मेरी थी लेकिन सफ़र पराया था

मैं अपने वादे पे कायम ना रह सका वरना
वो थोडी दूर ही जा कर तो लोट आया था

ना अब वो घर हैं ना उस घर के लोग याद मुझे
ना जाने उसने कहाँ से मुझे च्रुराया था
 
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