दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही

दोस्ती हम यूं ही नही कर बैठे,
क्या करे हमारी पसंद ही कुछ "ख़ास" है. .

चिरागों से अगर अँधेरा दूर होता,
तो चाँद की चाहत किसे होती.

कट सकती अगर अकेले जिन्दगी,
तो दोस्ती नाम की चीज़ ही न होती.

कभी किसी से जिकर ऐ जुदाई मत करना,
इस दोस्त से कभी रुसवाई मत करना,

जब दिल उब जाए हमसे तो बता देना,
न बताकर बेवफाई मत करना.

दोस्ती सची हो तो वक्त रुक जाता है
आसमां लाख ऊँचा हो मगर झुक जाता है

दोस्ती मे दुनिया लाख बने रुकावट,
अगर दोस्त सचा हो तो खुदा भी झुक जाता है.

दोस्ती वो एहसास है जो मिटती नही.
दोस्ती पर्वत है वो, जो झुकता नही,

इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे,
यह वो गुरप्रीत है जो बिकता नही . . .

सची है दोस्ती आजमा के देखो..
करके यकीं मुझपर मेरे पास आके देखो,

बदलता नही कभी सोना अपना रंग ,
चाहे जितनी बार आग मे जला के देखो
 
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