~¤Akash¤~
Prime VIP
किन सज़ाओं तक मुझे मेरी ख़ता ले जाएगी
और कितनी दूर तक मुझको वफ़ा ले जाएगी
मुझको अपने रास्ते का इल्म है अच्छी तरह
क्यों कहीं मुझको कोई पागल हवा ले जाएगी
मैं तो अपनी कोशिशों से जाऊँगा जंगल के पार
आपको उस पार क्या कोई दुआ ले जाएगी?
दूर तक सहराओं में पानी की ख़ातिर दोस्तो
मुझको मेरी प्यास की क़ातिल अदा ले जाएगी
ज़िंदगी जब-जब भी आएगी मेरी दहलीज़ पे
माँग कर मुझसे वो थोड़ा हौसला ले जाएगी
‘नूर’ इस अल्हड़ पवन को इस तरह से साध तू
दूर तक दुनिया में वो तेरा कहा ले जाएगी
और कितनी दूर तक मुझको वफ़ा ले जाएगी
मुझको अपने रास्ते का इल्म है अच्छी तरह
क्यों कहीं मुझको कोई पागल हवा ले जाएगी
मैं तो अपनी कोशिशों से जाऊँगा जंगल के पार
आपको उस पार क्या कोई दुआ ले जाएगी?
दूर तक सहराओं में पानी की ख़ातिर दोस्तो
मुझको मेरी प्यास की क़ातिल अदा ले जाएगी
ज़िंदगी जब-जब भी आएगी मेरी दहलीज़ पे
माँग कर मुझसे वो थोड़ा हौसला ले जाएगी
‘नूर’ इस अल्हड़ पवन को इस तरह से साध तू
दूर तक दुनिया में वो तेरा कहा ले जाएगी