दिन मे सो जाता है रातों को जगाता है मुझे

~¤Akash¤~

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आंसुओं से मेरी तहरीर मिट नहीं सकती
कोई कागज हूँ के पानी से डराता है मुझे

सर पे सूरज की सवारी मुझे मंजूर नहीं
अपना कद धूप मे छोटा नज़र आता है मुझे

रोज कहता है गिरती हुई दीवार हूँ मैं
एक बादल हैं जो रह रह के डराता है मुझे

दूध पीते हुए बच्चे की तरह है दिल भी
दिन मे सो जाता है रातों को जगाता है मुझे
 
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